एमपी नाउ डेस्क
Terrifier 3 Movie Review: हॉरर औऱ डार्क ह्यूमर कैटेगिरी का एक अलग ही दर्शक वर्ग हैं, जिनके लिये अक्सर ही हॉलीवुड फिल्म निर्माता फिल्में तैयार करते आ रहें हैं। इन फिल्मों में दर्शकों के देखने के लिये खुन से लतपत लाशें, डरावने टॉर्चर सीन मिलते हैं जो दहशत को बढ़ा देते है लेकिन फिर भी ऐसी फिल्मों की लोकप्रियता के चलते इनका निर्माण किया जाता रहा हैं।
एक ऐसी ही डरावनी फिल्म साल 2024 में हॉलीवुड फिल्म निर्देशक डेमियन लियोन ने सिनेमाघरों में रिलीज की थी, इस फिल्म में इतने अधिक ख़ौफनाक दृश्य को फिल्माया गया था कि जब दर्शक थियेटर हॉलों में फिल्म देखने पंहुचे औऱ जैसे ही उन सीनों को उन्होनें देखना शुरु किया तो वह बेहोश हो गये तो वही किसी ने थियेटर हॉल में उल्टी करना शुरु कर दिया। ऐसी घटनायें लॉस एंजेल्स के कई सिनेमाघरों से सामने आई थी, इस डरावनी फिल्म का नाम 'टेरिफायर 3' था जो इसी नाम की अन्य दो फिल्मों का तीसरा भाग था।
हाल में जियो हॉटस्टार ने इस फिल्म को अपने ओटीटी प्लेटफॉर्म पर स्ट्रीम किया है, फिल्मों का क्राफ्ट समझने के लिये में कई फिल्मों को देखता हुं इस वजह से मैंने इस फिल्म को भी देख डाला। इस फिल्म को देखने के बाद मुझे बिल्कुल भी ताज्जुब नही हो रहा कि इस फिल्म को देखने के बाद क्यों सिनेमाघरों में गये दर्शक बेहोश होने लगे या कोई उल्टी करने लगा। फिल्म बीभत्स औऱ भयानाक दृश्यों से भरी पडीं है, पिछले दिनों में जब मैंने साउथ फिल्म मार्को देखी थी तो मुझे फिल्म के दृश्यों से बहुत अधिक नफरत हो गई थी।
'टेरिफायर 3' क्रुरता के दृश्यों के मामलें मार्को में दिखाएं दृश्यों में कई अधिक आगे है। जहां मैंने मार्को के दृश्यों को लेकर उस फिल्म की अलोचना की थी, वह इस फिल्म को लेकर नही कर सकता क्योंकि दोनों ही फिल्मों का जॉनर बिल्कुल अलग है। मार्को में नायक को क्रुरता के चरम में दिखाया गया था, जों आज भी स्वीकार्य नही होना चाहिये एक सभ्य समाज में। इसलिये शायद फिल्म के अभिनेता ने अगले भाग के लिये फिल्म के मेकर्स को मना कर दिया है।
'टेरिफायर 3' एक अलग जॉनर की फिल्म हैं, जिसमें हैवानियत की हदें एक काल्पनिक सुपरनैचुरल प्रकार के व्यक्ति के द्वारा की जा रही हैं औऱ यह ख़ासकर दर्शकों के मन में सोची जानें काल्पनिक क्रुरता को दिखाने का प्रयास कहा जा सकता है।
जहां तक मेरा मानना हैं कि ऐसी फिल्में लोंगों के मन में दहशत पैदा कर सकती है लेकिन वैचारिक तौर पर किसी को प्रभावित करें ऐसा शायद ही हो। क्योंकि इसमें हैवानियत करने वाला किरदार एक काल्पनिक सुपरनैचुरल प्रकार के व्यक्ति है, जों वर्तमान तौर में मौजुद नही है। ऐसी फिल्मों को दर्शकों को स्वविवेक से देखनी चाहिये।
हॉलीवुड फ़िल्म 'टेरिफायर 3' की कहानी
फ़िल्म की शुरुआत क्रिसमस के दिन की एक रात पूर्व से होती है, जहां एक परिवार की छोटी सी बच्ची रात में सेंटा का इंतजार कर रही है। अचानक उसे अपनी छत में किसी के होने की आहट आती है वह अपने बिस्तर से उठकर अपनी मां के पास जाकर कहती है लेकिन उसकी मां उसे सोने के लिए कहते हुए उसे वापिस रूम में ले जाती है। बच्ची को रुम में छोड़ने के बाद महिला अपने कमरे में आ जाती है फिर से आहट आने के बाद बच्ची फिर उठ जाती है वह देखती है एक सेंटा जो क्लाउन (जोकर) के भेष में है जिसके पास एक बड़ा सा कुल्हाड़ है जिसे वह डरकर छुप जाती है। वह क्लाउन (जोकर) एक-एक करके घर में मौजूद लोगों को सोए हुई अवस्था में हत्या कर देता है। बेहद क्रूरता से इसके बाद कहानी 5 साल पहले की बताई जाती है जिसने फ़िल्म के अन्य दो पहले भाग देखे है, वह जल्द कहानी के साथ जुड़ जाएगा लेकिन जो 'टेरिफायर 3' देखना ही शुरू कर रहा है तो उसे इसे समझने में वक्त लग सकता है।
पूरी फ़िल्म एक क्रूर क्लाउन (जोकर) के ऊपर है जो हत्या करता रहता है, उसे लोगों को डरते देखते हुए खुशी होती है। उस किरदार की माइम एक्टिंग फ़िल्म का प्लस प्वाइंट है जो अपने हाव भाव से प्रदर्शित करता रहता है। जो फ़िल्म के क्लाउन (जोकर) को और अधिक डरावना बनाता है। फिल्म के हर हत्या के दृश्यों में क्रूरता चरम में है। टेरिफायर 2 में क्लाउन (जोकर) का सर काटने वाली लड़की अब भी ट्रॉमा में है जिसका ट्रीटमेंट चल रहा है।
टेरिफायर 3 में इन दोनों किरदारों का सामना होगा, ऐसे में हैवानियत से भरा हुआ कपल (क्लाउन+ एक आंखों वाली डायन) और दूसरी तरफ लड़की सिएना (लॉरेन लावेरा) किस प्रकार इन डरावने और क्रूर अलौकिक हत्यारों से अपने आप को बचाएंगी यह फ़िल्म देखने में पता चलेगा। फ़िल्म के ख़तरनाक हत्याओं के दृश्य किसी को भी दहशत में डाल सकते है, फिल्म को अपनी रुचि और स्वविवेक से देखना चाहिए।
अरविंद साहू (AD) Freelance मनोरंजन एंटरटेनमेंट Content Writer हैं जो विभिन्न अखबारों पत्र पत्रिकाओं वेबसाइट के लिए लिखते है। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में भी सक्रिय है, फिल्मी कलाकारों से फिल्मों की बात करते है। एशिया के पहले पत्रकारिता विश्वविद्यालय माखन लाल चतुर्वेदी के भोपाल कैम्पस के इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के छात्र है।
0 टिप्पणियाँ